गुरुवार, 15 अक्तूबर 2009

उम्मीद की किरण


हाल में ही सम्पन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोट डालने के मामले में मुंबई एक बार फिर फिसड्डी साबित हुई... करीब पचास फीसदी लोगों ने यहां वोट डाला। देश के प्रमुख नेताओं से लेकर बॉलीवुड के सितारों तक ने मुंबई में प्रचार किया और लोगों को घर से निकलने की अपील की, लेकिन शहर के करीब आधे मतदाताओं ने वोट डालने के अधिकार का उपयोग करने की जहमत नहीं उठाई। इसके ठीक उलट महाराष्ट्र का सीमावर्ती जिला गढ़चिरौली जो नक्सल हिंसा की आग में जल रहा है,यहां किसी पार्टी के राष्ट्रीय नेता ने लोगों से वोट की अपील नहीं की, नक्सलियों ने चुनाव का बहिष्कार कर रखा था, और ग्रामीणों को इसमें हिस्सा नहीं लेने की धमकी भी दी गई। लेकिन वहां की जनता ने लोकतंत्र पर विश्वास जताया औऱ मुंबई से कहीं ज्यादा करीब पैसठ फीसदी लोगों ने मतदान किया। हमारे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गढ़चिरौली एक नई उम्मीद है। सभी राजनैतिक दलों को इसका सम्मान करना चाहिए और महाराष्ट्र के विकास में इस इलाके के भोलेभाले लोगों को भी हिस्सेदार बनाना चाहिए

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