रविवार, 11 अक्तूबर 2009

बिजली गुल


भारत में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता 1947 में 1362 मे.वा. के मुकाबले मार्च 2009 में 1,47,965 मे.वा. हो गई । जो चक्रवृध्दि दर पर 8 प्रतिशत की वृध्दि दर का सूचक है | लेकिन यह वृध्दि देश में बढती मांग को पूरी करने में असफल रही, क्योंकि अत्यधिक मांग वाली अवधि 2008-09 में 12 प्रतिशत और ऊर्जा की कमी 11 प्रतिशत बनी हुई है |जानकारों के मुताबिक देश में बिजली संकट (घरेलु और कृषि)उत्पादन से ज्यादा वितरण के चलते है, और सौरऊर्जा जैसे स्त्रोत की उपेक्षा है। आज देश के हृदय मध्यप्रदेश की 85 फीसदी आबादी को करीब पंद्रह घंटे अंधकार में जीना पड़ रहा है।

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