बुधवार, 7 अक्तूबर 2009
शर्म करो
पीटी ऊषा आम भारतियों के लिए एक ऐसा नाम जो रफ्तार का दूसरा नाम है। ये नाम हम एक मुहावरे के तौर पर गाहे बगाहे उपयोग करते है, मसलन किसी की तेजी को अलंकृत करना हो तो उसे पीटी ऊषा कह दिया जा जाता है। लेकिन देश की ये सर्वकालीन महान एथलीट, पांच अक्टूबर को भोपाल में भारतीय खेल संघ के अधिकारियों की बेरूखी के आगे बेबस हो गई , और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े, पीटी के ये आंसू भारतीय खेल जगत के लिए शर्मनाक घटना है.. साथ ही बड़ा सवाल है की जब पीटी ऊषा जैसे स्पोर्ट्स आईकॉन के साथ इस तरहा का घटिया बर्ताव हो सकता है तो उन खिलाड़ियों को किस दौर से गुजरना पड़ता होगा जिन्हे अभी अपनी पहचान बनानी है।
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क्यों पढ़ें
" यहां मिलेंगे दुनिया के सभी रंग .... यह एक ऐसा कैनवास है जिसमें रंगभर सकते हैं... और खुद सराबोर हो सकते हैं "
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